एक पुरानी कहावत है, पहले तोलो, फिर बोलो। आजकल, हर कोई इतना प्रो एक्टिव है, कि सामने से अगर किसी ने कुछ बोला, तो फटाक से जवाब मिलेगा। खासकर हमारे बच्चे। और कई बार, हम यह भी नहीं सोचते कि हमारे सामने है कौन। और गुस्से व उतालवेपन में सीधा पलटवार कर देते हैं। आज की हमारी कहानी, आपको अच्छे और बुरे परिणाम के बारे में सोचकर, प्रतिक्रिया करना सिखाएगी। एक बार एक व्यक्ति, अपने खेत से 40-50 गन्ने लेकर, घर जा रहा था। रास्ते में, एक छोटे बच्चे ने उससे गन्ना मांगा, वो व्यक्ति बहुत दिलेर था। उसने एक गन्ना निकाला, और बच्चे को दे दिया। गन्नों का गठ्ठा लेकर, वो दोबारा घर की तरफ बढ़ने लगा। इस बीच, रास्ते में उसे जो भी बच्चा मिलता, उसे एक-एक गन्ना, दे देता।
अंत में जब वो घर पहुंचा, तो उसके पास सिर्फ, 1 गन्ना बचा था। उसकी पत्नी थोड़े गुस्सैल, स्वभाव की थी। जब उसे पता चला कि उसके पति ने खेत से 40-50 गन्ने लिए थे, लेकिन रास्ते में लोगों को बांटने की वजह से, अब उसके पास सिर्फ 1 गन्ना बचा है। तो उसने गुस्से में आकर, वो गन्ना, अपने पति के सिर पर दे मारा। गन्ने के 2 टुकड़े हो गए। पति मुस्कुराते हुए बोला- भाग्यवान, तुमने इसके 2 टुकड़े करके, बहुत अच्छा काम किया। अब हम दोनों, इसे खा सकते हैं, वरना इसे तोड़ने का काम भी, मुझे ही करना पड़ता। लेकिन तुमने तो मेरा काम आसान कर दिया।
जिंदगी में खराब परिस्थितियां, ठीक वैसे हैं, जैसे पानी में पत्थर फेंका, तब उससे लहरें निकलेंगी, लेकिन देखते ही देखते, गायब भी हो जाएंगी। इसलिए, अगर कोई विपरीत परिस्थिति आती है, तो हमें उतावलेपन से नहीं, बल्कि बुद्धि और सोच विचार कर, काम लेना चाहिए।